Mountain man : 70 साल की उम्र में 1500 फीट ऊंचा पहाड़ को काटकर बना दिया सीढ़ी , सिर्फ छेनी हथौड़ी से

दोस्तों आप The mountain man दशरथ मांझी के नाम तो सुना ही होगा जो अपनी पत्नी को हॉस्पिटल नहीं ले जा सका। क्योंकि वहां रास्ता नहीं था एक बड़ा सा पहाड़ था ।इसलिए Dashrath manjhi अपनी पत्नी को नहीं बचा पाया और अपनी पत्नी की प्यार की वजह से उसने सिर्फ छैनी और हथौड़ी से पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया।

Mountain man
Mountain man:Ganauri Paswan

लेकिन दोस्तों यह माजरा बिहार के जहानाबाद के निवासी गनौरी पासवान अपने पत्नी की प्यार में नहीं बल्कि बाबा योगेश्वर नाथ महादेव के लिए किया ।

जाने पूरी कहानी :- जहानाबाद जिला के एक पहाड़ में स्थित बाबा योगेश्वर नाथ महादेव मंदिर है जो कि काफी प्राचीन है। इसका निर्माण के बारे में किसी को नहीं पता। यह मंदिर काफी सिद्ध है और यहां पर जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह पूर्ण होती है।यहां मंदिर जमीन से 1500 फीट ऊंची पहाड़ में होने के कारण यह वृद्ध व्यक्ति महिलाएं एवं बच्चों को काफी परेशानी होती थी बाबा के दर्शन के लिए।यहां पर कोई भी रास्ता नहीं था।

Mountain man गनौरी पासवान :- 70 वर्षीय गनौरी पासवान कहते हैं कि यहां कोई भी रास्ता नहीं होने के कारण बाबा का दर्शन में काफी मुश्किल होता था इसी कारण से गनौरी पासवान को प्रेरणा लगी कि क्यों ना में पहाड़ को काटकर सीढ़ी बनाकर बाबा का दर्शन को आसान बना सकूं इसी वजह से गनौरी पासवान अपने पत्नी के साथ अपने गांव से 3 किलोमीटर दूर स्थित बाबा योगेश्वर नाथ मंदिर के पहाड़ रोज पहुंचकर सीढ़ी निर्माण में लग गया।

कब से सीढ़ी बनाना शुरू किया : – गनौरी पासवान कहते हैं कि उन्होंने 2014 से प्रारंभ किया था और उन्होंने 8 साल में पहाड़ को चीरकर 400 सीढ़ियां बना दिया ।

क्या गनौरी के परिवार ने साथ दिया? :- गनौरी की पत्नी तेतरी देवी ने कहा कि “हम लोग सब साथ दिए मेरा बेटा , मैं और मेरे पति ने मिलकर सीढ़ी बना दिया”। उनके बेटा पिंटू पासवान ने कहा कि” मैं भी 3 किलोमीटर दूर से पानी भरकर सीढ़ी निर्माण कार्य में लगाया है”। तेतरी देवी ने कहीं “उन्होंने अपना जेवर गिरवी रखकर आजीविका चलाया और सीढ़ी निर्माण कार्य को पूरा किया”

गनौरी पासवान पहले क्या काम करते थे? :- Ganauri paswan पहले चापाकल मिस्त्री का काम करते थे।

इनका परिवार कैसे चलता था?:- उनका बेटा ने कहा कि मजदूरी करके घर चलाता हूं।

और सीढ़ी बनने के बाद बाबा का दर्शन भारी मात्रा में लोग आसानी से करते हैं।

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क्या उनको कोई ग्रामीण या सरकार से मदद मिला: – नहीं, गनौरी पासवान को सीढ़ी निर्माण के लिए कोई भी ग्रामीण या सरकार से कोई सहायता नहीं मिला ।उन्होंने पहले जंगल को साफ किया और फिर छैनी और हथौड़ी से लग गया सीढ़ी निर्माण में।

इस निर्माण में उनका हाथ का उंगली बर्बाद कर लिया था लेकिन गनौरी ने कहा कि बाबा की कृपा से उंगली पहले जैसा था वैसा ही हो गया। माउंटेन मैन गनौरी पासवान के बारे में आप क्या सोचते हैं कमेंट सेक्शन में जरूर बताइए धन्यवाद।

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